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विश्व के उन्नत विचार से कुछ अंश- एक पत्रिका लूसी ए. मल्लोर्य (शाकाहारी) द्वारा, दो भाग शृंखला का भाग १

विवरण
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"हे दिव्य प्रेरक शक्ति, चिरस्थायी कोमलता की वाणी, आवाज जो भगवान का ह्रदय है, संगीत चल रहा है, सभी रात के बंजर निर्जन स्थान को सूचित कर रहा है, इसके सभी अंधेरे को दिन के उजाले में बदल रहा है।-- दुनिया इसे सुनती है, और वे खुद को फूलों में ढकते हैं; सूर्य इसे सुनता है, और दुनिया के साथ बढ़ता है; स्वर्ग इसे सुनता है, और प्रत्येक दूत गाने के साथ कूदता है, और हर दिल पिघलता है इसके दयालु हृदय में, और सभी ब्रह्मांड भगवान में मिल जाते हैं…”