खोज
हिन्दी
 

सदगुरु – दयालुता और प्रेम का अवतार: महर्षि महिष परमहंस (शाकाहारी) की पदावली से रहस्यवादी भजन, 2 का भाग 1

विवरण
और पढो
"हे गुरुदेव (प्रकाशमान गुरु)! पकड़ते हुए, आप मुझे अंधकार और चमकते तारे से ऊपर ले जाते हैं, और मुझे तारों की आकाशगंगा में ले जाते हैं, और फिर आगे एक हजार पंखुड़ियों के कमल पर, जहाँ देवत्व की लौ सदैव चमकती है और चाँद भी दिखायी देता है।"