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प्रकाश और ध्वनि हमारा सच्चा आत्म है, हमारी दिव्य प्रकृति है। (ठीक है।) जितना अधिक हम इसे देखते हैं, उतना अधिक हम अपनी दिव्य प्रकृति देखते हैं। (ठीक है।) फिर हम जानेंगे कि हम प्रकाश से हैं। (ठीक है।) हम स्वर्गीय ध्वनि से बने हैं। समझे?(ठीक है। समझे।) फिर हमारी आत्मा शांति में होगी और स्वयं को जानेगी।