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हमें यह समझना होगा कि गणित की रचना हमने नहीं की है। हमने इसे खोजा है। यह सार्वभौमिक भाषा और नियम है। चाहे आप ब्रह्मांड में कहीं भी हों, एक और दो हमेशा तीन ही होंगे। ब्रह्माण्ड की हर चीज़ इस नियम का पालन करती है। ये रूप प्रकृति में हैं, लेकिन प्राचीन लोगों ने निर्माण में इन रूपों का अनुकरण किया।