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खैर, यह एक चुटकुला है, लेकिन कई मामलों में लोग ऐसी ही चीजें करते हैं। गलत समय पर सही काम करना भी अच्छा नहीं होता है। सही शब्द को ग़लत समय पर कहना अच्छा नहीं होगा। हम भी ऐसे ही हैं। यदि हम सही काम करें, लेकिन गलत जगह और गलत समय पर करें, तो क्या यह भी सही नहीं है? ग़लत काम करना निश्चित रूप से ग़लत है। लेकिन कभी कभी… कभी-कभी हम लापरवाही से गलती कर देते हैं, लेकिन बाद में वह सही साबित होती है। यह ऐसा हो सकता है। लेकिन हम दूसरों की चीज़ें चुराने की हद तक गलतियाँ नहीं कर सकते। हम पाँच शीलों का उल्लंघन करने की सीमा तक गलतियाँ नहीं कर सकते। समझ गए? हम ऐसी गलतियाँ नहीं कर सकते जिससे दूसरों को ठेस पहुंचे, बस इतना ही। हम गलती करना पसंद करेंगे, अर्थात हम किसी अन्य को नुकसान पहुंचाए बिना गलत निर्णय लेंगे। समझे? चाहे हमारा निर्णय सही हो या गलत, कम से कम हमें दूसरों को दुख पहुँचाने से बचना चाहिए। तब यह ठीक है। चाहे हम सही काम करें या गलत, अगर हम दूसरों को चोट नहीं पहुँचाते तो यह सही निर्णय है।यदि कोई आध्यात्मिक साधक अभी उच्च स्तर पर नहीं पहुंचा है, तो कभी-कभी वह गलतियाँ कर देता है, लेकिन कम से कम वह पंचशील का उल्लंघन नहीं कर सकता। समझ गए? छोटी-मोटी गलतियाँ करना ठीक है। “गलती” का मतलब है कि यह एक छोटी सी बात है। लेकिन जानबूझकर दूसरों को नुकसान पहुँचाने के लिए गलत काम करना अच्छा नहीं है। समझे? […]इस क्षण से उन सब को छोड़ दो और अपना मन ईश्वर पर, बुद्ध पर, आध्यात्मिक अभ्यास पर केन्द्रित करो। तभी आप तेजी से प्रगति कर सकेंगे। […]Photo Caption: ईश्वर हम सभी को सुंदरता के साथ प्यार दिखाते हैं!