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सुप्रीम मास्टर चिंग हाई (वीगन) विश्व की जानी-मानी आघ्यात्मिक गुरु, मानवतावादी और कलाकार हैं। उन्हें विश्व भर में साधना की कुआन यिन पद्धति पर प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया गया है। अब हम आपको देखने हेतु आमंत्रित करते हैं "प्रेम के मार्ग पर चलें," जो सुप्रीम मास्टर चिंग हाई का परिचय है।"हम थोड़े से प्रेम के लिए ऊपर और नीचे की खोज करेंगे, थोडे से प्रेम के लिये! सभी प्राणियों को देने के लिए अस्तित्व के हर कोने में!" - सुप्रीम मास्टर चिंग हाईसुप्रीम मास्टर चिंग हाई, जैसा कि वह स्नेहपूर्वक ज्ञात हुई हैं, उस संदेश को जीती हैं जो प्रेम के मार्ग पर चलता है। एक प्रसिद्ध मानवतावादी, कलाकार और आध्यात्मिक दूरदर्शी, उनका प्रेम और सहायता सभी सांस्कृतिक और नस्लीय सीमाओँ से आगे बढ़ा है दुनिया भर के लोगों के लिए: जरूरतमंद और बेघर, चिकित्सा अनुसंधान का संस्थान, युद्ध पीडित लोग, उपेक्षित लोग, शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग लोग, शरणार्थी और प्राकृतिक आपदाओं के शिकार लोग, आदि…हम अनगिनत दयाभाव के कार्यो के साक्षी हैं- जो इस संरक्षिका महिला का ट्रेडमार्क है अंतर्राष्ट्रीय संगठन जो उनके प्रेम के उदाहरण के कारण उत्पन्न हुई है। "हम जो भी बांट सकते है, बांटने से आरम्भ करें। और फिर, हम स्वयं में एक सूक्ष्म परिवर्तन महसूस करेंगे: हमारी चेतना में अधिक प्रेम उड़ेला जाएगा, और हम कुछ जान पाएंगे। और यह एक आरम्भ है। हम यहां बढ़ना सीखने साथ ही अपनी शक्ति का प्रयोग करना सीखने आए हैं, हमारी असीमित प्रेम और रचनात्क शक्ति विश्व को बेहतर बनाने के क्रम में जब भी हम पुनर्जन्म लेते हैं।”केवल मानव प्राणी ही उनके दया से लाभान्वित नहीं हुए हैं, विभिन्न प्रजातियों के जानवर-लोग भी उनके असीमित परोपकार को प्राप्त करते हैं। “यह कारणों में से एक है कि हमें क्यों वीगन होना चाहिए। सभी प्राणियों के प्रति प्रेम। प्यार बढ़ाना।”सुप्रीम मास्टर चिंग हाई (वीगन) का जन्म मध्य औलॉक (वियतनाम) में हुआ था। अपने आरम्भिक वर्षों में, वह अक्सर अस्ताल के रोगियों, जरूरतमंदों और घायल जानवर-लोगों की सेवा करते हुए देखा गया जिस भी तरह वह कर सकती थी। युवा के रूप में, वह अध्ययन करने के लिए यूरोप चली गई और वहाँ रेड क्रॉस के लिए अनुवाद कार्य जारी रखा। शीघ्र ही उन्होंने यह पाया कि पीड़ा और कष्ट विश्व के हर कोने में है, और इसके उपचार के लिए उनकी खोज करना उनके जीवन का परम उद्देश्य बन गया। उस समय उन्होंने खुशी से एक जर्मन डॉक्टर से विवाह किया, और यद्यपि यह उन दोनों के लिए अत्यंत कठिन निर्णय था, उनके पति अलग होने पर सहमत हो गए। फिर उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में दो वर्ष से अधिक की यात्रा आरंभ की। अंततः, भारत में हिमालय की दुर्गम स्थान पर पहुंचकर, उन्हें आत्मज्ञानी गुरु मिले जिन्होंने उन्हें कुआन यिन पद्धति, आंतरिक स्वर्गीय प्रकश और ध्वनि पर एक साधना पद्धति प्रदान की। अभ्यास की एक अवधि के पश्चात, वह पूर्ण आत्मज्ञानी बन गईं।हिमालय से वापसी के शीघ्र बाद, उनके आस पास के लोगों के विनम्र अनुरोध पर, सुप्रीम मास्टर चिंग हाई ने कुआन यिन पद्धति को दूसरों साथ बांटा, उन्हें अपनी महानता को ढूँढने के लिए अंदर देखने के लिए प्रोत्साहित किया। साधना की कुआन यिन पद्धति के माध्यम से, उन्हें महान पूर्णता, प्रसन्न्ता, और शांति की भी प्राप्त हुई है। जल्द ही, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, आदि से… “मैंने देखा कि मैं हर जगह थी और हर प्राणी में।” यूरोप, "ईश्वर को देखना बहुत ही सरल है..." एशिया, "सभी धर्म आपको बताते हैं, “यहाँ एक अच्छे इंसान बनो और जब तक संभव हो स्वर्ग खोजो।'' ऑस्ट्रेलिया, “हम भगवान के बेटे और बेटियां हैं। हम स्वयं सुप्रीम मास्टर हैं।” अफ़्रीका "मैं आपको दिखाउंगी कैसे प्रत्यक्ष शिक्षण प्राप्त करें…” और दक्षिण अमेरिका “और आज्ञाओं का पालन करें और अधिक वीगन जीवन जीने का प्रयास करें।" साथ ही महत्वपूर्ण संगठनों से सुप्रीम मास्टर चिंग हाई को प्रवचन देने हेतु आमंत्रण आने लगे। "शांति और प्रेम जिसके बारे में हम अक्सर बात करते हैं और खोज करते हैं, हमारे स्वयं के अंदर है।” “आपको अंदर देखना चाहिए और अपना खुद का खज़ाना खोजें। और वास्तविक, स्थायी ख़ुशी पाएँ।” "भविष्य हमारे हाथों में है, तो आप इसे सुन्दर बनायें या आप इसे बुरा बनायें, यह आपके ऊपर निर्भर है।"सुप्रीम मास्टर चिंग हाई ने अनेकों सहज प्रतिभाओं को पहचाना जिसे उन्होंने कलात्मक चित्रण और रचनाओं, संगीत और कविताओं, और कलात्मक आभूषणों और वस्त्रों के माध्यम से व्यक्त किया, आंतरिक और बाह्य सुन्दरता को प्रकट करते हुए। उनकी कलात्मक रचनाओं से प्राप्त आय ने सुप्रीम मास्टर चिंग हाई को मानवीय गतिविधियों के लिए एक निष्पक्ष वित्तीय स्रोत तैयार करने में सक्षम किया है, ज़रूरत के समय में ईश्वर के बच्चों की सहायता के अपने विनम्र लक्ष्य को पूरा करने के लिए।यद्यपि वह किसी भी प्रकार की स्वीकृति की आशा नहीं करतीं, सुप्रीम मास्टर चिंग हाई को संसार भर में सरकारी अधिकारियों और निजी संस्थाओं द्वारा अनगिनत अवसरों पर पुरुस्कार दिए गये हैं। इनमें शामिल हैं विश्व शांति पुरुस्कार, विश्व आध्यात्मिक नेतृत्व पुरुस्कार, मानव अधिकारों के प्रोत्साहन हेतु परुस्कार, विश्व नागरिक मानवतावादी पुरुस्कार, मानव जाति के लिए जनसामान्य की विशिष्ट सेवा पुरुस्कर, 2006 का गूसी शांति पुरुस्कार, सराहना का लॉस ऐंजिल्स संगीत सप्ताह प्रमाण-पत्र, और 2006 का, प्रथम प्लेस सिलवर 27वां वार्षिक टेली अवार्ड हेतु। इसके अतिरिक्त, अक्टूबर 25 और फरवरी 22 को संयुक्त राज्य अमेरिका में सुप्रीम मास्टर चिंग हाई दिवस के रूप में घोषित किया गया है।“वह दुनिया में चारों ओर प्रेम भी लाती हैं जहां नफरत है। वह आशा लाती हैं जहां निराशा है। और वह समझ लाती हैं जहां गलतफहमी है। वह एक महान व्यक्ति का प्रकाश हैं, हम सभी के लिए दया की एक देवदूत हैं।" “मैं सुप्रीम मास्टर [चिंग हाई] को उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद देता हूँ, उनकी आशावादिता के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूँ, लोगों के कौशल के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूँ जो उसके पास है जो उन्हें बहुत अनोखा और खास बनाता है।” "इतने विनम्र हृदय को देखना, सहायता के लिए तत्पर रहना, बहुत अच्छा विचार है। वे पूरी मानवता की सेवा कर रही हैं; वे ग्रह की सेवा कर रही हैं, उसे बचाने, उसे सुरक्षित रखने हेतु। उनका हृदय कोमल है, एक महान नेतृत्व के साथ; मुझे पता है जो होना है वह होकर रहेगा।"सुप्रीम मास्टर चिंग हाई इस युग के वास्तव में समर्पित लोगों में से एक हैं, हमारे भविष्य के सुन्दर दृष्टिकोण को बनाने में दूसरों की सहायता कर रही हैं। इतिहास में कई महान लोगों का एक सपना रहा है, और उनके अपने शब्दों में, सुप्रीम मास्टर चिंग हाई का भी हैः "मेरा सपना है कि सम्पूर्ण संसार शांतिपूर्ण हो जाएगा। मेरा सपना है कि हर कोई बुद्ध बन जाये। मेरा सपना है कि सभी हत्याएँ रुक जाएगी। मेरा सपना है कि सभी बच्चे शांति और सदाभावना में चलेंगे। मेरा सपना है कि सभी राष्ट्र एक दूसरे से हाथ मिलाएं, एक दूसरे की रक्षा करें और एक दूसरे की सहायता करें। मेरा सपना है कि हमारे सुन्दर ग्रह का विनाश नही किया जाएगा। इस ग्रह को बनने में करोड़ों, करोड़ों, अरबों वर्ष लगें हैं और यह इतना सुन्दर, इतना अद्भुत है। मेरा सपना हैं कि ऐसा जारी रहेगा, लेकिन शांति, सुन्दरता और प्रेम में।”